5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT वशीकरण मंत्र किसे चाहिए EXPLAINED

5 Simple Statements About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Explained

5 Simple Statements About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Explained

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हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की सत गुरु सैट कबीर

यह मंत्र व्यक्ति के मन को आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप दूसरे व्यक्ति को आपके प्रति आकर्षित कर सकते हैं और उनमें अपने प्रतीक्षाएं जगा सकते हैं।

इस मंत्र का जाप एक शांत और पवित्र स्थान पर, स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए। मंत्र जाप की विधि और मंत्रों की संख्या के बारे में किसी अनुभवी गुरु या पुस्तक से जानकारी प्राप्त करें।

ॐ मोहिनी मोहिनी कहाँ चली, हरखु राई कां मचली

कुछ सामान्य वशीकरण मंत्र इस प्रकार हो सकते हैं:

ॐ नमो आदेश गुरु को कामरु देश कामाक्षा देवी तहाँ बैठे इस्माइल जोगी, जोगी के आँगन फूल क्यारी फूल चुन-चुन लावे लोना चमारी फूल चल फूल-फूल बिगसे फूल पर बीर नरसिंह बसे जो नहीं फूल का विष कबहुं न छोड़ें मेरी आस मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

(वश करने वाले का नाम) को लाग लाग री मोहिनी, तुझे भैरों की आन!!

माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।

रक्त से सुशोभित देवी कामाख्या की दो भुजाएँ हैं और माथे पर सिन्दूर का तिलक है। वह चंद्रमा के समान उज्ज्वल और कमल के समान सुंदर है। रत्न आभूषण उनके शरीर की शोभा बढ़ाते हैं। वह रत्नों और माणिकों से जड़े सिंहासन पर विराजमान हैं। उन्नत पयोधर वाली देवी कामाख्या मंद-मंद मुस्कुरा रही हैं। श्यामवर्ण देवी सुन्दर नेत्रों वाली त्रिनेत्रा हैं। वह अनेक ज्ञान से घिरी हुई है। उसके पास डाकिनी-शाकिनी बंधी हुई हैं। हीरोइनें हाथों में तंबू लिए खड़ी हैं.

बगलामुखी देवी को दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या माना जाता है. इनकी पूजा शत्रु विजय, वाक् शक्ति, मनोकामना पूर्ति, विवादों में सफलता और कानूनी मामलों में विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है. कई लोग मानते हैं कि बगलामुखी पूजा से वशीकरण भी किया जा सकता है.

(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)

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बगलामुखी पूजा का उचित उद्देश्य आत्म-विकास और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करना है. इसका उपयोग शक्ति प्राप्त करने या दूसरों को नियंत्रित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

विधि: किसी भी सोमवार को, चार लौंग को पान के पत्ते में लपेटकर अपने मुँह में रखें। इसके बाद, किसी नदी या सरोवर में स्नान करते हुए डुबकी लगाएँ। डुबकी के दौरान, इस मंत्र का इक्कीस बार जाप करें। फिर पानी से बाहर निकलकर मुँह में रखी हुई लौंग को निकालें और उसे धूप दिखाएं। यह लौंग जिसे भी खिला दी जाएगी, website वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।

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